सर्चिंग / घायल बाघिन को तलाश नहीं सकीं सतपुड़ा नेशनल पार्क से बुलाई गई दोनों हथिनी, गंध या पगमार्क नहीं मिल सके सीहोर। सतपुड़ा नेशनल पार्क से बुलाई गई दोनों हथिनी इस काम में काफी माहिर हैं। हथिनी स्मिता और लक्ष्मी को घायल बाघिन को तलाश करना है लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि इन्हें उसकी गंध या पगमार्क नहीं मिल सके हैं जिससे ये दोनों उन्हें तलाश कर सकें। कोलार के पास स्थित सेवनिया परिहार के जंगल में दोनों अभी मौजूद हैं। सोमवार को भी जब कोई लोकेशन नहीं मिली तो इस काम को शुरू नहीं कराया जा सका। इस दौरान वन विभाग का अमला जरूर घायल बाघिन को तलाश रहा है। अभी तक अमले को भी घायल बाघिन के इस जंगल में होने के संकेत नहीं मिले हैं। ये भी पढ़े कान्हा नेशनल पार्क में करंट से बाघ की मौत; शिकार की आशंका, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा वीरपुर रेंज में सतपुड़ा से बुलाई गईं दोनों हथिनी लक्ष्मी और स्मिता को घायल बाघिन की कोई गंध नहीं मिली। इसके अलावा वन अमले को भी पगमार्क नहीं मिल पाए जिससे सोमवार को उसकी तलाश का काम शुरू नहीं हो सका। जब तक इसकी लोकेशन नहीं मिलेगी तब तक उसकी तलाश के लिए इन दोनों हथिनियों की मदद नहीं ली जा सकती है। फिलहाल लोकेशन ट्रेस करने में पूरा अमला लगा हुआ है। कुछ दिन पिछले इस बाघिन के घायल होने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को पता चली थी। ये बाघिन भोपाल की तरफ थी। बताया जाता है कि ट्रैप कैमरे में कैप्चर होने के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि उसके पैर के पंजे में अभी भी तार फंसा हुआ है। इसलिए इस तार को छुड़ाने और उसका इलाज करने तलाश की जा रही है। दोनों हथिनी के लिए इछावर से गन्ना मंगाया गया है। सोमवार को करीब पांच क्विंटल के करीब गन्ना मंगाया गया है। इन दोनों के भोजन का खास ख्याल रखा जा रहा है। दोनों यहां की नदी में नहा भी रही हैं। बाघिन अभी पहाड़ी क्षेत्र में 10 कैमरों से नहीं मिली मदद घायल बाघिन की तलाश के लिए यहां पर अलग-अलग जगहों पर करीब 10 कैमरे भी लगाए गए हैं। वन विभाग के अमले की माने तो बाघिन अभी पहाड़ी क्षेत्र में है। घायल होने के कारण बाघिन को पैदल तलाश नहीं किया जा सकता है। अभी तक इन कैमरों से भी कोई मदद नहीं मिल सकी है। भोपाल सहित तीनों डिवीजन में हो रही तलाश घायल बाघिन की तीनों डिवीजन में तलाश की जा रही है। इधर सीहोर डिवीजन तो दूसरी तरफ भोपाल और ओबेदुल्लागंज के जंगलों में भी वहां का वन अमला उसे तलाश रहा है। इसमें खास बात यह है कि यह बाघिन घायल अवस्था में है। इसलिए सतर्कता रखना पड़ रही है कि कहीं वह इन पर हमला ना कर दे। स्मिता बड़ी है और लक्ष्मी उससे 25 साल छोटी है बताया जाता है कि जो हथिनी स्मिता है उसकी उम्र करीब 35 वर्ष है और यह बड़ी है। लक्ष्मी छोटी है जिसकी उम्र करीब 10 वर्ष है। दोनों की अलग-अलग विशेषताएं हैं। स्मिता बाघों के पगमार्क ट्रेस करने में काफी अनुभवी है जबकि लक्ष्मी गंध से बाघ तक पहुंचने में सक्षम है। इन दोनों का उपयोग रेस्क्यू आपरेशन में किया जाता है।

सीहोर। सतपुड़ा नेशनल पार्क से बुलाई गई दोनों हथिनी इस काम में काफी माहिर हैं। हथिनी स्मिता और लक्ष्मी को घायल बाघिन को तलाश करना है लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि इन्हें उसकी गंध या पगमार्क नहीं मिल सके हैं जिससे ये दोनों उन्हें तलाश कर सकें। कोलार के पास स्थित सेवनिया परिहार के जंगल में दोनों अभी मौजूद हैं। सोमवार को भी जब कोई लोकेशन नहीं मिली तो इस काम को शुरू नहीं कराया जा सका। इस दौरान वन विभाग का अमला जरूर घायल बाघिन को तलाश रहा है। अभी तक अमले को भी घायल बाघिन के इस जंगल में होने के संकेत नहीं मिले हैं।



वीरपुर रेंज में सतपुड़ा से बुलाई गईं दोनों हथिनी लक्ष्मी और स्मिता को घायल बाघिन की कोई गंध नहीं मिली। इसके अलावा वन अमले को भी पगमार्क नहीं मिल पाए जिससे सोमवार को उसकी तलाश का काम शुरू नहीं हो सका। जब तक इसकी लोकेशन नहीं मिलेगी तब तक उसकी तलाश के लिए इन दोनों हथिनियों की मदद नहीं ली जा सकती है। 



फिलहाल लोकेशन ट्रेस करने में पूरा अमला लगा हुआ है। कुछ दिन पिछले इस बाघिन के घायल होने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को पता चली थी। ये बाघिन भोपाल की तरफ थी। बताया जाता है कि ट्रैप कैमरे में कैप्चर होने के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि उसके पैर के पंजे में अभी भी तार फंसा हुआ है। इसलिए इस तार को छुड़ाने और उसका इलाज करने तलाश की जा रही है। दोनों हथिनी के लिए इछावर से गन्ना मंगाया गया है। सोमवार को करीब पांच क्विंटल के करीब गन्ना मंगाया गया है। इन दोनों के भोजन का खास ख्याल रखा जा रहा है। दोनों यहां की नदी में नहा भी रही हैं।


बाघिन अभी पहाड़ी क्षेत्र में 10 कैमरों से नहीं मिली मदद
घायल बाघिन की तलाश के लिए यहां पर अलग-अलग जगहों पर करीब 10 कैमरे भी लगाए गए हैं। वन विभाग के अमले की माने तो बाघिन अभी पहाड़ी क्षेत्र में है। घायल होने के कारण बाघिन को पैदल तलाश नहीं किया जा सकता है। अभी तक इन कैमरों से भी कोई मदद नहीं मिल सकी है।


भोपाल सहित तीनों डिवीजन में हो रही तलाश
घायल बाघिन की तीनों डिवीजन में तलाश की जा रही है। इधर सीहोर डिवीजन तो दूसरी तरफ भोपाल और ओबेदुल्लागंज के जंगलों में भी वहां का वन अमला उसे तलाश रहा है। इसमें खास बात यह है कि यह बाघिन घायल अवस्था में है। इसलिए सतर्कता रखना पड़ रही है कि कहीं वह इन पर हमला ना कर दे।


स्मिता बड़ी है और लक्ष्मी उससे 25 साल छोटी है
बताया जाता है कि जो हथिनी स्मिता है उसकी उम्र करीब 35 वर्ष है और यह बड़ी है। लक्ष्मी छोटी है जिसकी उम्र करीब 10 वर्ष है। दोनों की अलग-अलग विशेषताएं हैं। स्मिता बाघों के पगमार्क ट्रेस करने में काफी अनुभवी है जबकि लक्ष्मी गंध से बाघ तक पहुंचने में सक्षम है। इन दोनों का उपयोग रेस्क्यू आपरेशन में किया जाता है।


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