होशंगाबाद. मौनी अमावस्या पर शुक्रवार शाम 5:30 बजे सोहागपुर ब्लॉक के रामनगर पांडवदीप नर्मदा घाट पर ग्रामीणों से भरी नाव पलट गई। हादसे में एक महिला की मौत हो गई। नाव में करीब दर्जन भर लोग सवार थे। एक महिला और बच्चा लापता है। नाव में सवार 8 से अधिक लोगों को ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया। सेमरी चौकी प्रभारी उमाशंकर यादव ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए नर्मदा में जाल डलवाया। होमगार्ड और स्थानीय गोताखोर भी तलाश में देर रात तक जुटे रहे।
तहसीलदार पुष्पेंद्र निगम के मुताबिक, रामनगर पामली नर्मदा घाट पर खाड़ा देवरी और लखनपुर गांव के एक दर्जन से अधिक लोग गांव के परिक्रमावासियों से मिलने उस पार भांती घाट गए थे। परिक्रमावासियों से मिलकर लौटते समय उनकी नाव नर्मदा घाट से कुछ दूर पहले ही पलट गई। हादसे में 40 वर्षीय सुशीला बाई (मुट्टो) पति कोमल सिंह कुशवाह की मौत हो गई। सुशीला परिजनों के साथ परिक्रमावासी जेठ-जिठानी से मिलकर लौट रही थीं।
हादसे में इसके अलावा खाड़ा देवरी की रेशम बाई (32) पति डालचंद कुशवाहा और लखनपुर के दीपेश पिता ओमप्रकाश (12) लापता हैं। एसडीओपी प्रेमप्रकाश गौतम ने बताया 8 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है। उनका सेमरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सोहागपुर अस्पताल में इलाज जारी है।
26 साल पहले 48 मौतों के बाद लगाई थी नाव पर रोक
रोक के बाद भी नर्मदा में अमावस्या, पूर्णिमा पर नाव, डोंगे खुलेआम चल रहते हैं। प्रशासन नाविकों पर कार्रवाई नहीं करता। लोग भी थोड़े से रुपए और समय बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर नाव में सफर करते हैं। जिले में 26 साल (1994) पहले सोमवती अमावस्या पर नाव डूबने से 48 लोगों की मौत हो गई थी। तब से त्योहारों पर नाव चलाने पर रोक है। मौनी अमावस्या पर रामनगर पांडवदीप घाट पर पलटी नाव ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही उजागर की है।
नाव में यह सवार थे
सुशीलाबाई पति कोमल सिंह कुशवाह (32) खाड़ादेवरी। जीजन बाई पति गिरधारी लाल कुशवाह (60) खाड़ादेवरी। दुर्गावती पिता ओमप्रकाश (13) लखनपुर। कुमकुम पिता विष्णु कुशवाह (05) खाड़ादेवरी। रेशम बाई पति डालचंद्र (40) खाड़ादेवरी। मुट्टो बाई पति दिलीप सिंह (40) खाड़ादेवरी। दीपेश पिता ओमप्रकाश (12)लखनपुर। शिवांस पिता भगवान दास (01) लखनपुर। कोमल सिंह पिता मोहन सिंह (39) खाड़ादेवरी और इनके अलावा नाव में दो नाबालिग नाविक भी सवार थे।